इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया द्वारा आपने किसानों की स्थिति के बारे में बहुत कुछ सुना, देखा और पढ़ा होगा। एक सुदृढ़ कृषि-व्यवस्था के लिए आप अपने सुझाव देते हुए अखबार के संपादक को पत्र लिखिए।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश।
15 सितंबर, 2018
संपादक
दैनिक भास्कर
नई दिल्ली
विषय- सुदृढ़ कृषि-व्यवस्था के संबंध में अपना सुझाव देने बावत्|
महोदय,
निवेदन है कि मैं आपके प्रतिष्ठित समाचार-पत्र के माध्यम से देश की निरंतर चरमराती कृषि-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सुझाव देना चाहता हूँ। जैसा की आप जानते ही होंगे की हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है| किसान हमारे देश की रीढ़ की हड्डी माने जाते हैं लेकिन उसके वावजूद हमारे देश के किसानों की हालत वर्तमान समय में बहुत ही खराब है| किसान हम सबके लिए भोजन का उत्पादन करते हैं| अतः इससे साफ़ तौर पर स्पष्ट है कि हमारे देश का भविष्य कृषि एवं किसानों के हाथ में है|
वर्तमान में अगर हम किसानों की हालत देखें तो बहुत ही खराब है| उन्हें फसल का उचित दाम भी नहीं मिल पा रहा, प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में सरकार की ओर से उन्हें आर्थिक मदद भी ठीक प्रकार से नहीं मिलती| इन्हीं सब कारणों की वजह से हमारे देश का अन्नदाता दरिद्रता में अपना जीवन व्यतीत कर रहा है|
हमें अर्थात समाज एवं सरकार को चाहिए कि हम अपने अन्नदाता जो हमारे लिए भोजन उगाता है एवं जिसकी वजह से हमें कम कीमत पर बेहतर भोजन उपलब्ध हो पाता है उसके योगदान को समझें और उसके प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाएँ| सरकार को चाहिए की किसानों को उनकी फसल का उचित दाम सुनिश्चित करें और प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले हानि की भरपाई भी सरकार सही वक्त पर करे| यह किसानों पर कोई उपकार नहीं है बल्कि यह करके तो हम अपने अन्नदाता का कर्ज ही अदा कर रहें हैं| हमारे देश का किसान वर्षों से हमारे लिए अन्न उगा रहा है यह उसी की भरपाई होगी|
मैं पूर्ण आशान्वित हूँ कि आप अपने समाचार-पत्र में इस पत्र को प्रकाशित कर मुझे अनुग्रहीत करेंगे।
भवदीय
अरुण भार्गव